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*21 दिन*
परिवार, समाज , राष्ट्र के प्रति समर्पण, सेवा व त्याग के दिन है ।
स्वयं एवम समग्र समाज को स्वास्थ्य के प्रति सजग,सतर्क व जागरूक करने के दिन है ।
धैर्य, संयम व संकल्प के दिन है ।
भाग्य, दुर्भाग्य की बाते न करे आपके साथ इस देश की 1 अरब 40 करोड़ जनता इस परिस्थिति का मुकाबला कर रही है ।
जिम्मेदार नागरिक बनिये।
शासन ,प्रशासन के निर्देशों के अक्षरशः पालन कीजिये ।
अफवाहों को फैलने से रोकिये ।
किसी भी वस्तु ,खाद्य, भोज्य पदार्थों का अनावश्यक संग्रह न करे ।
विश्वास कीजिए आवश्यकता के अनुसार समस्त सामग्री पर्याप्त उपलब्ध है।
अपने घरों में ही रहे। अनावश्यक बहादुरी न दिखाए। जोखिम न उठाये । याद रखे जीवन अमूल्य है ।
अपने मित्रों, परिचितों, रिश्तेदारों को फोन करें । पड़ोसी धर्म निभाये ।
रामायण, भगवत गीता जैसे धार्मिक ग्रन्थों व अन्य पुस्तके पढ़ें अध्ययन करे । लिखे ।
अपने विचारों को लिपिबद्ध करें ।
परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करे। एक दूसरे का खयाल रखें ।
इनडोर गेम खेले। खुलकर हंसे। हल्का फुल्का व्यायाम करें। किसी रेसेपी को बनाये ।किचन का रुख करें । आराम करें ।
आने वाले अच्छे समय की प्रतीक्षा करें ।प्लानिंग करें ।
21 दिनों की इस अवधि में यदि और अधिक व्रद्धि होती है तो खुद को तैयार रखें ।
स्वयं से प्यार करे। खुद जिये ओरो को भी जीने दे ।
*21 दिनों को जीवन के यादगार दिन बनाने की कोशिश करें*
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